भारत-फ्रांस संयुक्त नौसेना युद्धाभ्यास की शुरुआत 1993 में हुई थी और उसे अपने वर्तमान नाम, वार्युण अभ्यास, 2001 में दिया गया था।
भारत-फ्रांस नौसेना सहयोग के बढते प्रदर्शन के एक महत्वपूर्ण उदाहरण के तहत, भारतीय नौसेना का P-8I विमान ने यूरोप में अपनी पहली कभी की तैनाती की है, जो फ्रांस के एयर बेस 125 इस्तरेस-ले ट्यूब में उतर रहा है। यह तैनाती एक ऐतिहासिक क्षण को निशान देती है, जैसे की विमान फ्रांस की नौसेना के साथ वरूणा अभ्यास के 22वें संस्करण में जुड़ता है, जो दोनों राष्ट्रों की समुद्री सेनाओं के बीच गहराती सिनर्जी को रेखांकित करता है।
 
भारतीय नौसेना के P-8I विमान की यूरोपीय मिट्टी पर आगमन भारतीय नौसेना के अलिजे विमान के बाद 63 वर्षों बाद हुआ, जो पहले INS Vikrant से संचालित हुआ करता था, अंतिम बार इसने फ्रांस के हायरेस एयरबेस पर उड़ान भरी थी। यह लंबा इंतजार सिर्जन हार भारत और फ्रांस के बीच स्थायी संबंधों का प्रतीक है, क्योंकि दोनों राष्ट्र से ले कर अपने सामरिक संबंध विस्तारित कर रहे हैं, विशेषकर समुद्री डोमेन में।
 
1993 में प्रारंभ हुए वरुणा अभ्यास को 2001 में अपने वर्तमान नाम से नामित किया गया, और इसे भारत-फ्रांस के सामरिक द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण तत्व बनाया गया। वरुणा अभ्यास का 22वां संस्करण भूमध्य सागर में 2-4 सितंबर, 2024 के बीच आयोजित किया जा रहा है। इसमें उन्नत युद्धाभ्यास होंगे जो दोनों नौन्याओं के बीच कार्यान्यता और संचालन क्षमताओं में वृद्धि करने पर आधारित होंगे।